सोमवार, 29 मार्च 2004

हिन्दी ब्लॉग स्थानांतर

हाँ भई के हिन्दीकरण को देख कर मुझे भी साहस मिल रहा है मेरा हिन्दी ब्लॉग स्थानांतरण करने का| शायद ब्लॉगस्पॉट से पूर्णतः विदा लेने का समय आ रहा है| मैं आशा करता हूँ की पंकज जी हिन्दीकृत templates का योगदान दे कर सहायता करेंगे|

शनिवार, 27 मार्च 2004

WBEditor

कुछ दिनों पहले मैंने WBEditor देखा| Microsoft.NET में लिखा हुआ और आकर्शिक जमाव वाला ये dekstop blogging tool है| पहले मैंने इसका अपने अंग्रेज़ी ब्लॉग पर उपयोग किया, फिर अपना ध्यान केंद्रित किया हृदयगाथा पर, लेकिन यह पता चला की जहाँ या चीनी और जापानी भाषायों का समर्थन करता है, यह हिन्दी का सम्पूर्ण समर्थन नहीं कर पा रहा था| उनके support के साथ 3-4 विपत्र के आदान-प्रदान के बाद उन्होनें यह खुशखबरी भेजी की RC2 अब हिन्दी-समर्थित है| भई, मज़ा आ गया.. यह भी मैं WBEditor में ही लिख रहा हूँ| अगर आप चाहें तो आप भी इस मुफ्त program का लाभ उठा सकते हैं|

मंगलवार, 23 मार्च 2004

FireFox

कुछ समय से FireFox ब्राउज़र का इस्तमाल कर रहा हूँ पर कुछ दिक्कते आ रही हैं| ऐक तो यह की हिन्दी की साईट ठीक तरह से नहीं दिखती हैं, जैसे की पंकज का ब्लौग कुछ इस तरह दिखता है...


haanbhai.JPG




और दूसरी बात ये की FireFox में popup window में encoding बदलनें का तरीका समझ में नहीं आया


encoding.JPG




अगर आप जानते हैं तो कृपया बतायें...धन्यवाद|


हिन्दी webring

हिन्दी webring पर कुछ समय से काफि दिक्कतें आ रही थी| जैसे हृदयगाथा - हृदयग[]?था बन जाती थी| फिर देबाशीशजी ने सहायता की और मैं हृदयग[]?था को सुधारने में सफल हुआ, धन्यवाद देबाशीशजी| देबाशीशजी ने कुछ समय पहले बताया था की वे कई और webrings के मैनेजर है इसलिये मैंने हिन्दी webring का स्वामित्व भी उनको सौंप दिया है| आशा है वे हिन्दी चिट्ठाकारों के काफिले को काफी आगे तक ले जायेंगे|

बुधवार, 17 मार्च 2004

किसकी माँ

ऐसा मेरे मित्र के साथ ही क्यों होता है? :)

मेरा मित्र क्षमल की कक्षा लेने.. विषय पढ़ाने के बाद उसने कक्षा को कुछ अभ्यास दिये| कक्षा के पिछले हिस्से में बैठा ऐक विद्यार्थी कुछ कुछ बुदबुदा रहा था| शिक्षक कुछ नज़दीक पहुँचा तो उसके कान में अभद्र सी भाषा सुनाई दी - "इसकी माँ का...error"... शिक्षक लालपीला होता हुआ विद्यार्थी के समीप पहुँचा और कडक आवाज में बोला "यह क्या हो रहा है, और इस तरह की भाषा को प्रयोग क्यों हो रहा है"? विद्यार्थी नें अचम्भे से उनकी तरफ देखा और मिमियाते हुऐ बोला "सर, इसकी माँ (schema) का error आ रहा है"| यह सुनते ही शिक्षक अपनी हँसी दबाता हुआ बोला "ओह! ठीक है, ठीक है" और वहाँ से खिसक लिया|

यह कोई चुटकुला नहीं है, हकीकत घटना है और शिक्षण के दौरान इस तरह के कई वाक्ये हो जाते हैं|

रविवार, 14 मार्च 2004

नया चिट्ठा

मैं कई दिनों से चिट्ठाकारी नहीं कर पाया हूँ क्योंकि मैं ऐक नये चिट्ठास्थल बनाने में जुटा हुआ था| मेरे अंग्रेज़ी ब्लौगर के जालस्थल http://sanjayvyas.blogspot.com पर पिछले कुछ दिनों से काफी दिक्कतें आ रही थी, खासकर टेम्पलेट की जो अचानक गायब हो जाता है| यह तो शुक्र है की मैंने ऐक प्रति अपने पास संभाल कर रखी थी वरना मुझे सब कुछ फिर से बनाना पडता| इस घटना से त्रस्त होकर मैंने विकल्प ढूंढने शुरू किये और http://www.mblog.com पर आ टपका| अच्छा लगा क्योंकि मुफ्त होने के बावजूद ये ईश्तहार-रहित है, टिप्पणीयाँ, विपरीथ-पथ और कई खूबियाँ मौजूद हैं| अगर मौजूद नहीं है तो हिन्दी समर्थन|

गुरुवार, 11 मार्च 2004

क्या हम जाहिल हैं ?

दो दिन पहले NDTV पे ऐक कार्यक्रम देख रहा था जिसका विषय था - "क्या हिन्दी हास्य कवि सम्मेलन अब इतना लोकप्रिय नहीं रह गया है" | मंच पर बैठे हुऐ साजिद खान ने ऐक वक्त यह का डाला की "भारत में श्रोतागण अनपढ़ और जाहिल हैं (मैं अनुवाद नहीं कर रहा हूँ, उन्होनें यह हिन्दी में ही बयान किया)| बडे शहरीवासियों का, खासकर मुंबईवासियों का यह मानना है कि वे बुद्धिजीवी हैं और छोटे शहरों और गावों में रहने वाले सब जाहिल हैं| साजिद खान स्वयं को बहुत उम्दा हास्यकार मानते है जबकी मैं सोचता हूँ कि वे सिर्फ फूहड़ हास्य ही कर पाते हैं| उन्हें करारा जवाब दिया हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा नें (चार लाईना होशरत वाले) की स्वयं पर हास्य (self deprecating humour) हास्य है, व्यक्तिविषेश हास्य (जो साजिद खान हमेशा से करते आएँ है) फूहडपन है| मुझे साजिद खान की सोच पर तरस आता है की वे अपनी अमैलिकता एवं हास्यरस के अभाव को श्रोता की जाहिलता पर थोपना चाहते हैं| मैं नहीं मानता की वे कभी भी 'चुपके चुपके', 'जाने भी दो यारों' या हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा की ऊचाईयों की छू पायेंगे|

आपकी क्या राय है|

बुधवार, 10 मार्च 2004

ईस्को किस्को

यह किस्सा मेरे ऐक मित्र के साथ इंदौर मे हुआ था|

मेरा मित्र इंदौर में ऐक कंपनी में लिनक्स डालने की कोशिश कर रहा था, पर जाने क्यों लिनक्स राजी ही नही हो रहा था| उसे अच्छा खासा अनुभव भी है लिनक्स पे, पर शायद कुछ हार्डवेयर की समस्या होगी पर जनाब ने भी शायद ठान ही ली थी लिनक्स से भिडने की| 3-4 घंटे तक जूझने के उपरांत भी जब लिनक्स स्थापित नहीं हुआ तो समीप बैठे एक महानुभाव ने कहा "मैं ईसको ले कर आता हूँ"| मेरा मित्र पहले से ही त्रस्त था, उसने पूछा "किस्को"?| महानुभाव ने फिर से कहा "ईस्को" जिस पर पहले से ही झल्लाये हुए मित्र ने कहा "अरे ईस्को किस्को"? अब महानुभाव भी झल्ला के बोले "ईस्को यूनिक्स" (SCO UNIX)| यह सुनते ही मेरा मित्र हँसी से लोटपोट हो गया और महानुभाव उसको अचरज की निगाहों से देख रहे थे कि लिनक्स के बजाय ईस्को यूनिक्स की प्रस्तावना क्यो इतनी हास्यस्पद है|

मंगलवार, 9 मार्च 2004

क्या आप हिन्दी.नैट कम्पाईलर उतारना चाहते हैं ?

राज चौधुरी ने आज हिन्दी.नैट कम्पाईलर की प्रति यहाँ रखी है http://rajch.europe.webmatrixhosting.net/PostPage.aspx?085128f3-82d3-4b54-912a-48605a4255f6 | याद रहे की आपके पास Microsoft.NET Framework होना ज़रूरी है जोकि Microsoft के जालस्थल पर मुफ्त है |

गुरुवार, 4 मार्च 2004

जैक एण्ड जिल अब हिन्दी (बिहारी) में?

जैकवा और जिलवा गये उपर द हिल,
पनिया भरिल के वास्ते|
जैकवा गिर गयिल, ऊका खोपडिया फट गयिल,
और जिलवा आवत लुडकन पूरे रास्ते|

[अर्नब के द्वारा]

बुधवार, 3 मार्च 2004

हिन्दी.नैट कम्पाईलर आ गया

धन्य हो राज चौधुरी का जिन्होने. आखिरकार हिन्दी.नैट कम्पाईलर बना ही लिया| उनकी तकनीकी विद्या का लोहा मानना ही पडेगा


टिप्पणी यह है हिक भाषा

टिप्पणी Variables ऐसे declare किये जाते हैं
समझो a है अक्शर
समझो b है संख्या
समझो c है सत्यमिथ्या
समझो i है संख्या

टिप्पणी यह output है
लिखो "हिक भाषा मे आपका स्वागत है"
लिखो "संजय व्यास को समर्पित"
लिखो "जय गुरु"

टिप्पणी Assignment सामान्य है
टिप्पणी नोट करें, सत्यमिथ्या (Boolean) को [] मे डालना जरूरी है
i = 20
b =32
a = "21"
c = [b<10]

टिप्पणी यह complex output है
लिखो b
लिखो [b>10]
लिखो [c]
लिखो a
लिखो a & " Hello"

टिप्पणी ये रहे Branch और Loop
यदि [b<30]
    लिखो "B < 30"
अन्यथा
    जबतक [i>15]
        लिखो i
        i = i - 1
    अंत जबतक
अंत यदि