रविवार, 14 मार्च 2004

नया चिट्ठा

मैं कई दिनों से चिट्ठाकारी नहीं कर पाया हूँ क्योंकि मैं ऐक नये चिट्ठास्थल बनाने में जुटा हुआ था| मेरे अंग्रेज़ी ब्लौगर के जालस्थल http://sanjayvyas.blogspot.com पर पिछले कुछ दिनों से काफी दिक्कतें आ रही थी, खासकर टेम्पलेट की जो अचानक गायब हो जाता है| यह तो शुक्र है की मैंने ऐक प्रति अपने पास संभाल कर रखी थी वरना मुझे सब कुछ फिर से बनाना पडता| इस घटना से त्रस्त होकर मैंने विकल्प ढूंढने शुरू किये और http://www.mblog.com पर आ टपका| अच्छा लगा क्योंकि मुफ्त होने के बावजूद ये ईश्तहार-रहित है, टिप्पणीयाँ, विपरीथ-पथ और कई खूबियाँ मौजूद हैं| अगर मौजूद नहीं है तो हिन्दी समर्थन|

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