गुरुवार, 19 फ़रवरी 2004

गीता सारांश

चंद्रशेखर ने आज दुपहर मुझे ये भेजा...

गीता सारांश

कोड तो मोहमाया है|||
आज तुम कोडिंग करते हो, कल कोई और करेगा|
बग ही जीवन का सत्य है|
वोह कल भी था, आज भी है, और कल भी रहेगा|||
तुम सोचते हो की तुमनें बग ठीक कर दिया,
तो गलत सोचते हो....वोह तो निरंतर है,
नये नये रूप में तुम्हारे सामने आता रहेगा|
इसलिये.. कोड करते जाओ और बग की चिन्ता मत करो|

(हरी ऊँ की तर्ज़ पर) हरी होम (Hurry Home)

धन्यवाद किसी जीतू को जिनका नाम प्रारंभिक विपत्र पर मुद्रित था|

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