इंदौर आने के मौके बार बार नहीं लगते, खासकर जब इंदौर में सोफ्टवैयर कंपनीयाँ ज्यादा नहीं हैं। तो जब माईक्रोसोफ्ट ने MSDN यात्रा का न्योता दिया तो तुरंत झपट लिया। ईस बार .NET interoperability पर session है। फिर कुछ दिन छुट्टिया और मित्रों के साथ पुराने दिनों की याद ताज़ा करना। और उसके पश्चात वापस मुंबई पहुँच कर कोल्हू के बैल जैसे वापस जुत जाना।
बुधवार, 2 जून 2004
गुरुवार, 20 मई 2004
मंगलवार, 13 अप्रैल 2004
हिन्दी ब्लॉगजगत में सन्नाटा
लगता है की शुरूवाती उत्साह के बाद हिन्दी जगत में सन्नाटा सा छा गया है| आशा करता हूँ की ये गरमीयों की छुट्टीयों की वजह से है ना की उत्साह की कमी से|
कल किसी मित्र की मदद करते हुए पाया की windows xp जहाँ हिन्दी तो दिखाता है MSN Messenger में, वहीं गुजराती की जगह सिर्फ बक्से दिखाता है| पता चला की Arial Unicode MS फोन्ट बदलने पर ही चलता है| ऐसा क्यूँ ? किसी को मालूम हो तो बतायें|
यहे शायद गुजराती में ना दिखे - કેમ છૌ? મજા મા છૌ?
कल किसी मित्र की मदद करते हुए पाया की windows xp जहाँ हिन्दी तो दिखाता है MSN Messenger में, वहीं गुजराती की जगह सिर्फ बक्से दिखाता है| पता चला की Arial Unicode MS फोन्ट बदलने पर ही चलता है| ऐसा क्यूँ ? किसी को मालूम हो तो बतायें|
यहे शायद गुजराती में ना दिखे - કેમ છૌ? મજા મા છૌ?
बुधवार, 7 अप्रैल 2004
ऐक चिड़िया
80 के दशक में बडे होते हुए दूरदर्शन का आगमन अभी भी याद है| 1982 मैं एशियाड खेलों का प्रसारण इंदौर में पहली बार दूरदर्शन को नगरी में लाया था| उसके पहले बंबई यात्राओं का दौरान श्नेत-वर्ण टीवी पर चित्रहार देखा करते थे| कुछ समय बाद दूरदर्शन के जनहित संदेश प्रसारित होने लगे, खासकर देश की एकता पर क्या आपको याद है? http://mmslb.eonstreams.com/recreate/cdaudio/wm/1194_ek_anek_aur_ekta_56k.wmv
मंगलवार, 6 अप्रैल 2004
ईश्तहार रहित ब्लॉग
कुछ समय से ईस ब्लॉग पर ब्लॉगर का ईश्तहार नहीं दिख रहा है| यह उन्ही ब्लॉग्स पर होता है जो मुफ्त नहीं है| ईसका कारण है की ऐक और बॉडी टैग जौ की commented है|
शनिवार, 3 अप्रैल 2004
orkut और हिन्दी ब्लॉगर्स
कुछ समय से मैं orkut के नैटवर्क पर हूँ| मेरे स्वीडन के ऐक मित्र हैनरिक को आमंत्रित किया जोकि भारतप्रेमी है| उन्होनें आते से ही इंडिया और इंडियन फूड communities में खुद को जोड लिया| उसके बाद मेरे मन में विचार आया की क्यो ना सभी हिन्दी ब्लॉगर्स को न्योता दिया जाए orkur पे आने का| समस्या यह है की orkut पर आप स्वयं आमंत्रित नहीं कर सकते है| अगर आप कोई हिन्दी ब्लॉगर्स की community join करना चाहे तो कृपया मुझे आपका विपत्र दे ताकि मैं आमंत्रण भेज सकूँ|
सोमवार, 29 मार्च 2004
हिन्दी ब्लॉग स्थानांतर
हाँ भई के हिन्दीकरण को देख कर मुझे भी साहस मिल रहा है मेरा हिन्दी ब्लॉग स्थानांतरण करने का| शायद ब्लॉगस्पॉट से पूर्णतः विदा लेने का समय आ रहा है| मैं आशा करता हूँ की पंकज जी हिन्दीकृत templates का योगदान दे कर सहायता करेंगे|
शनिवार, 27 मार्च 2004
WBEditor
कुछ दिनों पहले मैंने WBEditor देखा| Microsoft.NET में लिखा हुआ और आकर्शिक जमाव वाला ये dekstop blogging tool है| पहले मैंने इसका अपने अंग्रेज़ी ब्लॉग पर उपयोग किया, फिर अपना ध्यान केंद्रित किया हृदयगाथा पर, लेकिन यह पता चला की जहाँ या चीनी और जापानी भाषायों का समर्थन करता है, यह हिन्दी का सम्पूर्ण समर्थन नहीं कर पा रहा था| उनके support के साथ 3-4 विपत्र के आदान-प्रदान के बाद उन्होनें यह खुशखबरी भेजी की RC2 अब हिन्दी-समर्थित है| भई, मज़ा आ गया.. यह भी मैं WBEditor में ही लिख रहा हूँ| अगर आप चाहें तो आप भी इस मुफ्त program का लाभ उठा सकते हैं|
मंगलवार, 23 मार्च 2004
FireFox
कुछ समय से FireFox ब्राउज़र का इस्तमाल कर रहा हूँ पर कुछ दिक्कते आ रही हैं| ऐक तो यह की हिन्दी की साईट ठीक तरह से नहीं दिखती हैं, जैसे की पंकज का ब्लौग कुछ इस तरह दिखता है...
और दूसरी बात ये की FireFox में popup window में encoding बदलनें का तरीका समझ में नहीं आया
अगर आप जानते हैं तो कृपया बतायें...धन्यवाद|
और दूसरी बात ये की FireFox में popup window में encoding बदलनें का तरीका समझ में नहीं आया
अगर आप जानते हैं तो कृपया बतायें...धन्यवाद|
हिन्दी webring
हिन्दी webring पर कुछ समय से काफि दिक्कतें आ रही थी| जैसे हृदयगाथा - हृदयग[]?था बन जाती थी| फिर देबाशीशजी ने सहायता की और मैं हृदयग[]?था को सुधारने में सफल हुआ, धन्यवाद देबाशीशजी| देबाशीशजी ने कुछ समय पहले बताया था की वे कई और webrings के मैनेजर है इसलिये मैंने हिन्दी webring का स्वामित्व भी उनको सौंप दिया है| आशा है वे हिन्दी चिट्ठाकारों के काफिले को काफी आगे तक ले जायेंगे|
बुधवार, 17 मार्च 2004
किसकी माँ
ऐसा मेरे मित्र के साथ ही क्यों होता है? :)
मेरा मित्र क्षमल की कक्षा लेने.. विषय पढ़ाने के बाद उसने कक्षा को कुछ अभ्यास दिये| कक्षा के पिछले हिस्से में बैठा ऐक विद्यार्थी कुछ कुछ बुदबुदा रहा था| शिक्षक कुछ नज़दीक पहुँचा तो उसके कान में अभद्र सी भाषा सुनाई दी - "इसकी माँ का...error"... शिक्षक लालपीला होता हुआ विद्यार्थी के समीप पहुँचा और कडक आवाज में बोला "यह क्या हो रहा है, और इस तरह की भाषा को प्रयोग क्यों हो रहा है"? विद्यार्थी नें अचम्भे से उनकी तरफ देखा और मिमियाते हुऐ बोला "सर, इसकी माँ (schema) का error आ रहा है"| यह सुनते ही शिक्षक अपनी हँसी दबाता हुआ बोला "ओह! ठीक है, ठीक है" और वहाँ से खिसक लिया|
यह कोई चुटकुला नहीं है, हकीकत घटना है और शिक्षण के दौरान इस तरह के कई वाक्ये हो जाते हैं|
मेरा मित्र क्षमल की कक्षा लेने.. विषय पढ़ाने के बाद उसने कक्षा को कुछ अभ्यास दिये| कक्षा के पिछले हिस्से में बैठा ऐक विद्यार्थी कुछ कुछ बुदबुदा रहा था| शिक्षक कुछ नज़दीक पहुँचा तो उसके कान में अभद्र सी भाषा सुनाई दी - "इसकी माँ का...error"... शिक्षक लालपीला होता हुआ विद्यार्थी के समीप पहुँचा और कडक आवाज में बोला "यह क्या हो रहा है, और इस तरह की भाषा को प्रयोग क्यों हो रहा है"? विद्यार्थी नें अचम्भे से उनकी तरफ देखा और मिमियाते हुऐ बोला "सर, इसकी माँ (schema) का error आ रहा है"| यह सुनते ही शिक्षक अपनी हँसी दबाता हुआ बोला "ओह! ठीक है, ठीक है" और वहाँ से खिसक लिया|
यह कोई चुटकुला नहीं है, हकीकत घटना है और शिक्षण के दौरान इस तरह के कई वाक्ये हो जाते हैं|
रविवार, 14 मार्च 2004
नया चिट्ठा
मैं कई दिनों से चिट्ठाकारी नहीं कर पाया हूँ क्योंकि मैं ऐक नये चिट्ठास्थल बनाने में जुटा हुआ था| मेरे अंग्रेज़ी ब्लौगर के जालस्थल http://sanjayvyas.blogspot.com पर पिछले कुछ दिनों से काफी दिक्कतें आ रही थी, खासकर टेम्पलेट की जो अचानक गायब हो जाता है| यह तो शुक्र है की मैंने ऐक प्रति अपने पास संभाल कर रखी थी वरना मुझे सब कुछ फिर से बनाना पडता| इस घटना से त्रस्त होकर मैंने विकल्प ढूंढने शुरू किये और http://www.mblog.com पर आ टपका| अच्छा लगा क्योंकि मुफ्त होने के बावजूद ये ईश्तहार-रहित है, टिप्पणीयाँ, विपरीथ-पथ और कई खूबियाँ मौजूद हैं| अगर मौजूद नहीं है तो हिन्दी समर्थन|
गुरुवार, 11 मार्च 2004
क्या हम जाहिल हैं ?
दो दिन पहले NDTV पे ऐक कार्यक्रम देख रहा था जिसका विषय था - "क्या हिन्दी हास्य कवि सम्मेलन अब इतना लोकप्रिय नहीं रह गया है" | मंच पर बैठे हुऐ साजिद खान ने ऐक वक्त यह का डाला की "भारत में श्रोतागण अनपढ़ और जाहिल हैं (मैं अनुवाद नहीं कर रहा हूँ, उन्होनें यह हिन्दी में ही बयान किया)| बडे शहरीवासियों का, खासकर मुंबईवासियों का यह मानना है कि वे बुद्धिजीवी हैं और छोटे शहरों और गावों में रहने वाले सब जाहिल हैं| साजिद खान स्वयं को बहुत उम्दा हास्यकार मानते है जबकी मैं सोचता हूँ कि वे सिर्फ फूहड़ हास्य ही कर पाते हैं| उन्हें करारा जवाब दिया हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा नें (चार लाईना होशरत वाले) की स्वयं पर हास्य (self deprecating humour) हास्य है, व्यक्तिविषेश हास्य (जो साजिद खान हमेशा से करते आएँ है) फूहडपन है| मुझे साजिद खान की सोच पर तरस आता है की वे अपनी अमैलिकता एवं हास्यरस के अभाव को श्रोता की जाहिलता पर थोपना चाहते हैं| मैं नहीं मानता की वे कभी भी 'चुपके चुपके', 'जाने भी दो यारों' या हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा की ऊचाईयों की छू पायेंगे|
आपकी क्या राय है|
आपकी क्या राय है|
बुधवार, 10 मार्च 2004
ईस्को किस्को
यह किस्सा मेरे ऐक मित्र के साथ इंदौर मे हुआ था|
मेरा मित्र इंदौर में ऐक कंपनी में लिनक्स डालने की कोशिश कर रहा था, पर जाने क्यों लिनक्स राजी ही नही हो रहा था| उसे अच्छा खासा अनुभव भी है लिनक्स पे, पर शायद कुछ हार्डवेयर की समस्या होगी पर जनाब ने भी शायद ठान ही ली थी लिनक्स से भिडने की| 3-4 घंटे तक जूझने के उपरांत भी जब लिनक्स स्थापित नहीं हुआ तो समीप बैठे एक महानुभाव ने कहा "मैं ईसको ले कर आता हूँ"| मेरा मित्र पहले से ही त्रस्त था, उसने पूछा "किस्को"?| महानुभाव ने फिर से कहा "ईस्को" जिस पर पहले से ही झल्लाये हुए मित्र ने कहा "अरे ईस्को किस्को"? अब महानुभाव भी झल्ला के बोले "ईस्को यूनिक्स" (SCO UNIX)| यह सुनते ही मेरा मित्र हँसी से लोटपोट हो गया और महानुभाव उसको अचरज की निगाहों से देख रहे थे कि लिनक्स के बजाय ईस्को यूनिक्स की प्रस्तावना क्यो इतनी हास्यस्पद है|
मेरा मित्र इंदौर में ऐक कंपनी में लिनक्स डालने की कोशिश कर रहा था, पर जाने क्यों लिनक्स राजी ही नही हो रहा था| उसे अच्छा खासा अनुभव भी है लिनक्स पे, पर शायद कुछ हार्डवेयर की समस्या होगी पर जनाब ने भी शायद ठान ही ली थी लिनक्स से भिडने की| 3-4 घंटे तक जूझने के उपरांत भी जब लिनक्स स्थापित नहीं हुआ तो समीप बैठे एक महानुभाव ने कहा "मैं ईसको ले कर आता हूँ"| मेरा मित्र पहले से ही त्रस्त था, उसने पूछा "किस्को"?| महानुभाव ने फिर से कहा "ईस्को" जिस पर पहले से ही झल्लाये हुए मित्र ने कहा "अरे ईस्को किस्को"? अब महानुभाव भी झल्ला के बोले "ईस्को यूनिक्स" (SCO UNIX)| यह सुनते ही मेरा मित्र हँसी से लोटपोट हो गया और महानुभाव उसको अचरज की निगाहों से देख रहे थे कि लिनक्स के बजाय ईस्को यूनिक्स की प्रस्तावना क्यो इतनी हास्यस्पद है|
मंगलवार, 9 मार्च 2004
क्या आप हिन्दी.नैट कम्पाईलर उतारना चाहते हैं ?
राज चौधुरी ने आज हिन्दी.नैट कम्पाईलर की प्रति यहाँ रखी है http://rajch.europe.webmatrixhosting.net/PostPage.aspx?085128f3-82d3-4b54-912a-48605a4255f6 | याद रहे की आपके पास Microsoft.NET Framework होना ज़रूरी है जोकि Microsoft के जालस्थल पर मुफ्त है |
गुरुवार, 4 मार्च 2004
जैक एण्ड जिल अब हिन्दी (बिहारी) में?
जैकवा और जिलवा गये उपर द हिल,
पनिया भरिल के वास्ते|
जैकवा गिर गयिल, ऊका खोपडिया फट गयिल,
और जिलवा आवत लुडकन पूरे रास्ते|
[अर्नब के द्वारा]
पनिया भरिल के वास्ते|
जैकवा गिर गयिल, ऊका खोपडिया फट गयिल,
और जिलवा आवत लुडकन पूरे रास्ते|
[अर्नब के द्वारा]
बुधवार, 3 मार्च 2004
हिन्दी.नैट कम्पाईलर आ गया
धन्य हो राज चौधुरी का जिन्होने. आखिरकार हिन्दी.नैट कम्पाईलर बना ही लिया| उनकी तकनीकी विद्या का लोहा मानना ही पडेगा
टिप्पणी यह है हिक भाषा
टिप्पणी Variables ऐसे declare किये जाते हैं
समझो a है अक्शर
समझो b है संख्या
समझो c है सत्यमिथ्या
समझो i है संख्या
टिप्पणी यह output है
लिखो "हिक भाषा मे आपका स्वागत है"
लिखो "संजय व्यास को समर्पित"
लिखो "जय गुरु"
टिप्पणी Assignment सामान्य है
टिप्पणी नोट करें, सत्यमिथ्या (Boolean) को [] मे डालना जरूरी है
i = 20
b =32
a = "21"
c = [b<10]
टिप्पणी यह complex output है
लिखो b
लिखो [b>10]
लिखो [c]
लिखो a
लिखो a & " Hello"
टिप्पणी ये रहे Branch और Loop
यदि [b<30]
लिखो "B < 30"
अन्यथा
जबतक [i>15]
लिखो i
i = i - 1
अंत जबतक
अंत यदि
टिप्पणी यह है हिक भाषा
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समझो b है संख्या
समझो c है सत्यमिथ्या
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लिखो "हिक भाषा मे आपका स्वागत है"
लिखो "संजय व्यास को समर्पित"
लिखो "जय गुरु"
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b =32
a = "21"
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लिखो [b>10]
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लिखो a
लिखो a & " Hello"
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लिखो "B < 30"
अन्यथा
जबतक [i>15]
लिखो i
i = i - 1
अंत जबतक
अंत यदि
शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2004
हिन्दी.नैट कम्पाईलर
राज चौधुरी ने आज बताया की उनका हिन्दी.नैट कम्पाईलर लगभग पूर्ण हो गया है| आशा करता हूँ की वे ऐक प्रति शीघ्र ही beta-testing का लिये भेजेंगे| देखना यह है की वे इसे C# या VB.NET के तर्ज़ पर बनाते हैं| क्योंकि उनके और मेरे बीच इसी बात को लेकर द्बंद होता आया है| इतना ही नहीं, माइक्रोसोफ्ट ने ऐक सेमिनार में हम दोनों को ऐक ही साथ ऐक ही मंच पर खडा कर C# और VB.NET के बीच सेशन करवाया था की कौनसी लैंग्वेज ज्यादा अच्छी है| बडा मज़ा आया था उस वाक् युद्ध में|
बुधवार, 25 फ़रवरी 2004
शुद्ध हिन्दी
जब से मैंने हिन्दी चिट्ठाकारी शुरू की है, कई मित्रों का कहना यह है की चिट्ठों का स्तर बहुत ऊँचा है (हालांकी मेरा मानना यह है की 20 साल के अंग्रेज़ी माहौल के बाद मेरी हिन्दी का स्तर गिर गया है) | मुझे मेरे ऐक दोस्त का चुटकुला याद आता है:
हिन्दी की परीक्षा देकर विद्यार्थी कक्षा से निकला और अपनी साईकल निकाली तो पता चला की पहियें में हवा नहीं है| वह अपनी साइकल घसीटता हुआ पञ्चर की दुकान पे पहुचा| उसने टेमरू ( इंदौरी शब्द - पञ्चर की दुकान पर बैटने वाले बालकों के लिये) से शुद्ध हिन्दी में कहा - "हे पवनठूसर, मेरी मानवचालित द्विचक्री वाहनी के द्वितीय चक्र में से पवन का पलायन हो चुका है, अतः आप से करबद्ध होकर निवेदन है की आप अपने पवनठूसक यंत्र से तनिक पवन का प्रवेश करायें|"
टेमरू ने जवाब दिया - "हट्टे कट्टे होके भीख मांगते हो, शर्म नहीं आती है|"
इसका श्रेय जाता है अक्षय को जो मेरे कॉलेज का मित्र था|
हिन्दी की परीक्षा देकर विद्यार्थी कक्षा से निकला और अपनी साईकल निकाली तो पता चला की पहियें में हवा नहीं है| वह अपनी साइकल घसीटता हुआ पञ्चर की दुकान पे पहुचा| उसने टेमरू ( इंदौरी शब्द - पञ्चर की दुकान पर बैटने वाले बालकों के लिये) से शुद्ध हिन्दी में कहा - "हे पवनठूसर, मेरी मानवचालित द्विचक्री वाहनी के द्वितीय चक्र में से पवन का पलायन हो चुका है, अतः आप से करबद्ध होकर निवेदन है की आप अपने पवनठूसक यंत्र से तनिक पवन का प्रवेश करायें|"
टेमरू ने जवाब दिया - "हट्टे कट्टे होके भीख मांगते हो, शर्म नहीं आती है|"
इसका श्रेय जाता है अक्षय को जो मेरे कॉलेज का मित्र था|
शनिवार, 21 फ़रवरी 2004
हिन्दी की बातें
हिन्दी की बातें बहुत होती है।
हिन्दी में बातें कम होती है॥
- प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी
हिन्दी में बातें कम होती है॥
- प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी
शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2004
पुनः प्यासा
अर्ज किया है....
ये डॉक्यूमेंट, ये मीटींग, ये फीचर्स की दुनिया..
ये इन्सान के दुश्मन लम्बे घंटों की दुनिया..
ये डेडलाईन के भूखे मैनेजमेन्ट की दुनिया..
ये प्रोडक्ट अगर बन भी जाए तो क्या है....
ये प्रोडक्ट अगर बन भी जाए तो क्या है|
यहाँ पर खिलौना है प्रोग्रामर की हस्ती..
यहाँ बसती है फटीचर बग-फिक्सर की बस्ती..
यहाँ पर रेज़ज़ है इनफ्लेशन से सस्ती..
ये रिव्यूह अगर हो भी जाये तो क्या है..
ये रिव्यूह अगर हो भी जाये तो क्या है|
हर इक जिस्म घायल, हर इक रूह प्यासी..
दिमागों में उलझन, दिलों में उदासी..
ये ऑफिस है या आलम बदहवासी..
ये वर्झ़न अगर शिप हो जाये तो क्या है..
ये वर्झ़न अगर शिप हो जाये तो क्या है|
यहाँ हर चीज़ पैसे से है तोली जाती..
ये ऐसा बाज़ार है जहाँ हर चीज़ है बिकती..
ईमान का ना तो मौल है ना धर्म की हस्ती..
ये पैसा अगर मिल भी जाये तो क्या है..
ये पैसा अगर मिल भी जाये तो क्या है|
जला दो इसे फूँक डालो ये डॉक्यूमेन्ट..
जला दो... जला दो, फूँक डालो ये डॉक्यूमेन्ट..
मेरे सामने से हटा दो ये कमिट्मेन्ट..
तुम्हारा हैं तुम्ही सम्भालो ये डिपार्टमेन्ट..
ये गोली अगर चल भी जाये तो क्या है|
ये डॉक्यूमेंट, ये मीटींग, ये फीचर्स की दुनिया..
ये इन्सान के दुश्मन लम्बे घंटों की दुनिया..
ये डेडलाईन के भूखे मैनेजमेन्ट की दुनिया..
ये प्रोडक्ट अगर बन भी जाए तो क्या है....
ये प्रोडक्ट अगर बन भी जाए तो क्या है|
यहाँ पर खिलौना है प्रोग्रामर की हस्ती..
यहाँ बसती है फटीचर बग-फिक्सर की बस्ती..
यहाँ पर रेज़ज़ है इनफ्लेशन से सस्ती..
ये रिव्यूह अगर हो भी जाये तो क्या है..
ये रिव्यूह अगर हो भी जाये तो क्या है|
हर इक जिस्म घायल, हर इक रूह प्यासी..
दिमागों में उलझन, दिलों में उदासी..
ये ऑफिस है या आलम बदहवासी..
ये वर्झ़न अगर शिप हो जाये तो क्या है..
ये वर्झ़न अगर शिप हो जाये तो क्या है|
यहाँ हर चीज़ पैसे से है तोली जाती..
ये ऐसा बाज़ार है जहाँ हर चीज़ है बिकती..
ईमान का ना तो मौल है ना धर्म की हस्ती..
ये पैसा अगर मिल भी जाये तो क्या है..
ये पैसा अगर मिल भी जाये तो क्या है|
जला दो इसे फूँक डालो ये डॉक्यूमेन्ट..
जला दो... जला दो, फूँक डालो ये डॉक्यूमेन्ट..
मेरे सामने से हटा दो ये कमिट्मेन्ट..
तुम्हारा हैं तुम्ही सम्भालो ये डिपार्टमेन्ट..
ये गोली अगर चल भी जाये तो क्या है|
इंडिया शाइनिंग - भारत उदय
कृपया हास्य रस के साथ पढिये - यह राजनीती पर टिप्पणी नहीं है
भारत के विकास का रहस्य हमारे प्रधानमंत्रीजी हैं -
जिनके सर पर चांदी, मुहँ में स्वर्ण (silver hair and gold tooth)
पैर में लोहा (steel rod)
बालों में तेल और पेट में वायु (oil and natural gas)
भई अब देश की उन्नति का रहस्य जान गये ?
भारत के विकास का रहस्य हमारे प्रधानमंत्रीजी हैं -
जिनके सर पर चांदी, मुहँ में स्वर्ण (silver hair and gold tooth)
पैर में लोहा (steel rod)
बालों में तेल और पेट में वायु (oil and natural gas)
भई अब देश की उन्नति का रहस्य जान गये ?
गुरुवार, 19 फ़रवरी 2004
हर सोमरस में भगवान
जिन (Gin) में बसी जानकी, रम (Rum) में बसे राम|
विस्की (Whisky) में बसे विष्णु, शैम्पेन (Champagne) में बसे श्याम|
किस किस का त्याग करूँ, हर बोतल में भगवान|
ये मेरा कहना नहीं है, चंद्रशेखर ने भेजा है ....
विस्की (Whisky) में बसे विष्णु, शैम्पेन (Champagne) में बसे श्याम|
किस किस का त्याग करूँ, हर बोतल में भगवान|
ये मेरा कहना नहीं है, चंद्रशेखर ने भेजा है ....
गीता सारांश
चंद्रशेखर ने आज दुपहर मुझे ये भेजा...
गीता सारांश
कोड तो मोहमाया है|||
आज तुम कोडिंग करते हो, कल कोई और करेगा|
बग ही जीवन का सत्य है|
वोह कल भी था, आज भी है, और कल भी रहेगा|||
तुम सोचते हो की तुमनें बग ठीक कर दिया,
तो गलत सोचते हो....वोह तो निरंतर है,
नये नये रूप में तुम्हारे सामने आता रहेगा|
इसलिये.. कोड करते जाओ और बग की चिन्ता मत करो|
(हरी ऊँ की तर्ज़ पर) हरी होम (Hurry Home)
धन्यवाद किसी जीतू को जिनका नाम प्रारंभिक विपत्र पर मुद्रित था|
गीता सारांश
कोड तो मोहमाया है|||
आज तुम कोडिंग करते हो, कल कोई और करेगा|
बग ही जीवन का सत्य है|
वोह कल भी था, आज भी है, और कल भी रहेगा|||
तुम सोचते हो की तुमनें बग ठीक कर दिया,
तो गलत सोचते हो....वोह तो निरंतर है,
नये नये रूप में तुम्हारे सामने आता रहेगा|
इसलिये.. कोड करते जाओ और बग की चिन्ता मत करो|
(हरी ऊँ की तर्ज़ पर) हरी होम (Hurry Home)
धन्यवाद किसी जीतू को जिनका नाम प्रारंभिक विपत्र पर मुद्रित था|
बुधवार, 18 फ़रवरी 2004
विपरीथ-पथ सनसनाना (trackback ping)
चूंकी विपरीथ-पथ तकनीक मूवेबल-टाइप द्वारा विकसित की गयी थी, मेरे ख्याल से यह मूवेबल-टाइप पर एकीकृत है| समस्या ब्लौगर की यह है की विपरीथ-पथ सनसनाहट (trackback ping) कैसे की जाये? इस के लिये "स्वतन्त्र" विपरीथ पथ सनसनाहट जालस्थल की आवश्यक्ता है| इसी प्रकार का जालस्थल है http://www.aylwardfamily.com/content/tbping.asp| इसका प्रयोग कर के आप विपरीथ पथ भेज सकते हैं| इसे प्रयोग करने के लिये आपके जालस्थल पर विपरीथ पथ स्थापित करने की आवश्यक्ता नहीं है, पर हाँ आपकी स्थीईकडी (Permalink) ज़रूर होनी चाहिये| आशा करता हूँ की यह जानकारी लाभदायक होगी|
और हाँ, महाशिवरात्री की शुभकामनाएँ|
और हाँ, महाशिवरात्री की शुभकामनाएँ|
श्लोक
कथा कुछ यूँ है की वेद व्यास जी ने जब महाभारत लिखने की सोची तो उन्हें एक अच्छे लेखक की जरूरत पडी, तो उन्होने गणेशजी से अनुरोध किया| गणेशजी ने व्यासजी के समक्ष एक शर्त रखी की व्यासजी निरंतर लिखाते रहें, यदि वे थम गये तो गणेशजी आगे नहीं लिखेंगे| व्यासजी के सामने यह एक सम्सया बन गयी| तब व्यासजी ने भी एक शर्त रखी की गणेशजी तभी लिखेंगे जब उन्हें श्लोक का अर्थ समझ में आयेगा| इसलिये कहा जाता है की हर 1000 एक श्लोकों के बाद कुछ श्लोकों का अर्थ अत्यंत ही गूढ होता है| शायद उस समय व्यासजी अपनी नित्यक्रिया निबटाते थे|
ठीक इसी तरह मेरी कंपनी के शिक्षक विध्यार्थीओं को "श्लोक" (assignment) देकर कक्षा से बाहर आतें है और अपने अन्य काम निबटाते हैं :)
ठीक इसी तरह मेरी कंपनी के शिक्षक विध्यार्थीओं को "श्लोक" (assignment) देकर कक्षा से बाहर आतें है और अपने अन्य काम निबटाते हैं :)
मंगलवार, 17 फ़रवरी 2004
मिल गया
भई कहने की देरी थी और गूगल भैया ने खोज भी दिया| http://www.rawthought.com/projects/kablog/ एक मॉबब्लौग है जो मोबाइल फोन से चिट्ठाकारी करने देता है| अब देखना यह है की यह हिन्दी समर्थित है या नहीं| आशा तो कम ही है|
नोकिया 3650 से चिट्ठाकारी ?
बैठे बैठे मन में यह ख्याल आया की नोकिया 3650 जीपीआरएस के माध्यम से चिट्ठाकारी की जा सकती है| नोकिया 3650 सिम्बियन पे आधारित है जो सी++ और जावा J2ME का समर्थन करता है| तो क्यों ना इस प्रकार के सोफ्टव्यैर को खोजा जाये| नहीं मिला तो सी++ में लिखने की कोशिश की जाये? हालांकी मैंने सिम्बियन पर कोई तीर नहीं मारे हैं, पर हो सकता है की पॉकेटपीसी प्रोग्रामिंग का अनुभव काम में आ जाये ?
नीलदंत इकाई
भई, आज मेरे लैपटॉप की नीलदंत-इकाई (bluetooth module) आ ही गयी. HP nx7000 में नीलदंत-इकाई आती तो है लेकिन सिर्फ अमरीका में| मुझे यहां खास मंगवानी पड़ी| अब नोकिया 3650 के द्बारा जीपीआरएस के जरिये पूरे समय अंतर्जाल से जुडा रह सकता हूँ|
सोमवार, 16 फ़रवरी 2004
हो गया विपरीथ-पथ
कुछ कोशिशों का बाद विपरीथ-पथ (Trackback) स्थापित हो गया| कृपया टिप्पणी कर के बतायें कि प्रयास कैसा लगा|
ट्रैकबैक (विपरीथ-पथ?)
ब्लौगर ट्रैकबैक (Trackback) का समर्थन नहीं करता है लेकिन उसका विकल्प शायद http://trackback.org हो सकता है| शोध की आवश्यक्ता है| हम्म्म्म|
माईक्रोसोफ्ट ऑफिस हिन्दी संस्करण
मिड-डे पर यह खबर (http://www.mid-day.com/news/business/2004/february/76533.htm) पढ़ कर अत्यंत खुशी हई|
हिन्दी जालमुद्रिका
हिन्दी चिट्ठाकारों से प्रेरित होकर 'हिन्दी जालमुद्रिका' की रचना की गयी है| आशा है की सभी हिन्दी चिट्ठाकार इसमें सम्मलित होकर इसे बढावा देंगे| धन्यवाद|
शनिवार, 14 फ़रवरी 2004
नया जाल खोज इंजन
विविसिमो ऐक नया जाल खोजइंजन है जो परिणामों को ऐक नायाब तरीके से प्रस्तुत करता है| तरीका पसंद आया|
आपको कैसा लगा, कृपया टिप्पणी कर के बताऐं|
आपको कैसा लगा, कृपया टिप्पणी कर के बताऐं|
शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2004
हिन्दी .नैट
मैंने कुछ चिट्ठे पहले माइक्रोसोफ्ट विझ्वल स्टूडियो .नैट के हिन्दी समर्थन की बात की थी| फिर दीपक ने हिन्दी इंटरफेस के बारे में कुछ जानकारियां दी| उसी तर्ज़ पर.... मेरे मित्र राज चौधरी (जो पहले माइक्रोसोफ्ट में काम करते थे) ने ऐक पूर्णत: हिन्दी.नैट भाषा का कम्पाईलर बनाया था| ये उस समय सिर्फ नमूना मात्र था, पर मैं चाहूँगा कि वह हमें उसके बारे में और जानकारी दें| राज ?
13 शुक्रवार
बाप रे| आज शुक्रवार 13 है लेकिन ये प्रथा तो पश्चिमी सभ्यता के अनुसार है, इसका हिन्दू सभ्यता मे कोई मान्य नहीं है| पर हो सकता है की भविष्य में वैलेन्टाईन और हैलोवीन जैसी प्रथाओं जैसे यह भी फेरहिस्त में जुड जायेगी|
हिन्दी इंटरफेस पैक
माईक्रोसोफ्ट का हिन्दी इंटरफेस पैक हिन्दी संस्करण के बराबर नहीं है| वो सिर्फ कुछ प्रतिरूपों (icons) को हिन्दी नाम देता है| हिन्दी संस्करण तो जब होगा तब सारे प्रतिरूप, आहारिका (menu), नामपत्र (label) इत्यादी सभी हिन्दी में दिखेंगे| शायद कोई माईक्रोसोफ्ट वाला बता पाये (दीपक?)
गुरुवार, 12 फ़रवरी 2004
हिन्दी चिट्ठाकारों की जालमुद्रा ?
हिन्दुस्तानी चिट्ठाकार != हिन्दी चिट्ठाकार |
हमें चाहिये की हिन्दी चिट्ठाकारी को प्रोत्साहित करने के लिये और हिन्दी चिट्ठाकारो को आसानी से ढूंढने के लिये एक हिन्दी जालमुद्रा (webring) की रचना की जाये |
आपकी क्या राय है ?
हमें चाहिये की हिन्दी चिट्ठाकारी को प्रोत्साहित करने के लिये और हिन्दी चिट्ठाकारो को आसानी से ढूंढने के लिये एक हिन्दी जालमुद्रा (webring) की रचना की जाये |
आपकी क्या राय है ?
तकनीकी शब्द रुपांतर की जटिलता
शायद अन्य हिन्दी चिट्ठाकार मेरी सहायता कर सकें| एक तो मे पिछले 20 साल से मुंबई के अंग्रेज़ीमय माहौल में हूँ, उपर से तकनीकी प्रशिषक होने के नाते मेरा माध्यम भी अंग्रेज़ी हो गया है| हिन्दी चिट्ठाकारी से अत्यंत हर्षोल्लास तो है, किन्तु समस्या ये है कि अधिकतर अंग्रेज़ी तकनीकी शब्दों के अनुवाद मुझें नहीं मालुम| यदि कहीं कोई अनुवाद सूची हैं तो कृपया बतोऐं| धन्यवाद|
यह हुई ना बात
बीबीसी - साडी पहन कर समाचार पढ़ कर अत्यंत हर्ष हुआ|
मेरी हिन्दी त्रुटियों के लिये क्षमा चाहता हूँ और आशा करता हूँ की पाठक मेरी गलतियाँ सुधारने में मदद करेंगे|
मेरी हिन्दी त्रुटियों के लिये क्षमा चाहता हूँ और आशा करता हूँ की पाठक मेरी गलतियाँ सुधारने में मदद करेंगे|
विझ्वल स्टूडियो का हिन्दी समर्थन
क्या आप यह बात जानते हैं की माइक्रोसोफ्ट विझ्वल स्टूडियो में आप अपने कार्यक्रम को हिन्दी में लिख सकते हैं ? मैं विन्डो कंट्रोल्स पर लेबल की बात ही नहीं कर रहा हूँ...
using System;
namespace सिनरजेटिक्स
{
class परीषण
{
static void Main(string[] args)
{
अनुमानप्रणाली();
}
private int अनुमानप्रणाली()
{
int योग = 0;
for (int ई = 1; ई < 10; ई++)
योग += ई;
return योग;
}
}
}
आपकी राय क्या है ?
using System;
namespace सिनरजेटिक्स
{
class परीषण
{
static void Main(string[] args)
{
अनुमानप्रणाली();
}
private int अनुमानप्रणाली()
{
int योग = 0;
for (int ई = 1; ई < 10; ई++)
योग += ई;
return योग;
}
}
}
आपकी राय क्या है ?
हिन्दी बनाम तमिल
http://www.joelonsoftware.com/ बहूत ही लोकप्रिय चिट्ठा है| उसकी लोकप्रियता इस बात से आंकी जा सकती है की वह कई भाषाओ में रूपांतरित किया जाता है| दुख की बात तो ये है की जहाँ उसका तमिल रुपांतर है, वहीं हिन्दी रुपांतर नदारद है :( देखा जाए तो तमिलभाषीयों की संख्या (6 करोड), हिन्दीभाषीयों की संख्या (40 करोड) से कहीं कम है| आपकी राय में जोएल हिन्दी रूपांतर क्यों नहीं प्रकाशित करते हैं ?
बुधवार, 11 फ़रवरी 2004
प्रथम चिट्ठा
कई हिन्दीभाषी चिट्ठाकारों से प्रेरित हो कर यह मेरा प्रयास है हिन्दी-चिट्ठाकारी मे| मैं हिन्दीप्रांती इंदौर का रहनेवाला था जो अब मुंबई में बस गया हूँ|
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