मंगलवार, 17 फ़रवरी 2004

मिल गया

भई कहने की देरी थी और गूगल भैया ने खोज भी दिया| http://www.rawthought.com/projects/kablog/ एक मॉबब्लौग है जो मोबाइल फोन से चिट्ठाकारी करने देता है| अब देखना यह है की यह हिन्दी समर्थित है या नहीं| आशा तो कम ही है|

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